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- शनिजयंती पर करें पूजा, होंगे मालामाल
धर्म ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 28 मई, बुधवार को है.शनि हिन्दू ज्योतिष में नौ मुख्य ग्रहों में से एक हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि के जन्म के विषय में काफी कुछ बताया गया है. शनि देव के जन्म के उपलक्ष्य में ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. शनि देव की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और शनि की दशा के समय उनके भक्तों को कष्ट की अनुभूति नहीं होती.जिन लोगों की साढ़े साती, शनि की दशा, महादशा, अंतरदशा चल रही है अथवा वे शनिदेव के कोप से पीड़ित हैं उनके लिए दान का महत्व बढ़ जाता है. शनि के कुपित होने से वात, कफ रोग, कैंसर जैसे रोग होने लगते हैं. इन समस्याओं को कम करने हेतु शनिचरी अमावस्या के दिन शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना उत्तम रहता है. शनिदेव की कृपा किसी जातक पर हो जाए तो उसे विजय, धन, काम सुख और आरोग्यता की प्राप्ति होती है.